कैंसर पर काबू पाने की नई उम्मीद – रूस ने बनाई वैक्सीन!

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कैंसर पर काबू पाने की नई उम्मीद – रूस ने बनाई वैक्सीन!

कैंसर पर काबू पाने की नई उम्मीद – रूस ने बनाई वैक्सीन!
Image Courtesy: Money9Live 

दोस्तों, सच बताऊँ तो "कैंसर" शब्द सुनते ही दिल बैठ जाता है। यह वो बीमारी है, जिसका नाम ही लोगों को डराने के लिए काफी है। और क्यों न हो? आज के समय में पूरी दुनिया इससे जूझ रही है। सिर्फ भारत की ही बात करें, तो WHO के अनुसार हर 9वें या 10वें इंसान को अपनी जिंदगी में कभी न कभी कैंसर का खतरा रहता है। साल 2024 में ही करीब 16 लाख नए केस आए और 9 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। ये आंकड़े वाकई सोचने पर मजबूर कर देते हैं। 


लेकिन अब सुनिए खुशखबरी 👇

रूस के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्होंने कैंसर की वैक्सीन बना ली है, और इसका पहला ट्रायल भी पूरी तरह सफल रहा है। 


EnteroMix – नई वैक्सीन का नाम

इस वैक्सीन का नाम है EnteroMix। खास बात यह है कि यह mRNA तकनीक पर आधारित है। अगर आपको याद हो, तो कोविड के समय mRNA वैक्सीन (जैसे फाइजर और मॉडर्ना) ने ही हमें बचाया था। उसी टेक्नोलॉजी को अब कैंसर पर आज़माया जा रहा है। 


पहले ही ट्रायल में EnteroMix ने कमाल दिखाया – 

यह 100% सुरक्षित रही 

किसी मरीज को गंभीर साइड इफेक्ट नहीं हुआ 

और कई मरीजों में ट्यूमर सिकुड़ने लगा या उसकी बढ़त रुक गई  


mRNA कैसे काम करती है?

चलो इसे आसान भाषा में समझते हैं। 

इस वैक्सीन के अंदर छोटे-छोटे mRNA टुकड़े होते हैं। 

ये हमारे शरीर की कोशिकाओं को "इंस्ट्रक्शन" देते हैं – यानी कि कौन-सा प्रोटीन बनाना है। 

वही प्रोटीन इम्यून सिस्टम को ट्रेन करता है कि कैंसर सेल्स को पहचानो और उन्हें खत्म करो। 

और हाँ, सबसे दिलचस्प बात – यह वैक्सीन हर मरीज के लिए अलग-अलग बनाई जाती है। यानी आपके ट्यूमर की जीन देखकर आपके लिए एक "कस्टम मेड" वैक्सीन तैयार होती है। 

 

कीमो और रेडिएशन से अलग क्यों?

अब तक कैंसर का सबसे कॉमन इलाज कीमोथेरेपी और रेडिएशन रहा है। लेकिन इनके साइड इफेक्ट्स से तो आप वाकिफ होंगे – बाल झड़ना, कमजोरी, जी मिचलाना, थकान आदि।

EnteroMix की सबसे बड़ी खूबी यही है कि इसमें साइड इफेक्ट्स बहुत कम हैं। साथ ही इसे mRNA प्लेटफॉर्म पर बनाया जाता है, जो काफी तेज़ी से वैक्सीन तैयार कर देता है। यानी यह मरीज के लिए ज्यादा असरदार और आरामदायक हो सकती है। 


अभी किन कैंसर पर ट्रायल हो रहा है?

फिलहाल यह वैक्सीन इन कैंसर पर टेस्ट की जा रही है – 

कोलोरेक्टल कैंसर (आंत का कैंसर) 

ग्लियोब्लास्टोमा (ब्रेन कैंसर) 

ऑक्यूलर मेलेनोमा (आंख का कैंसर)

अगर फेज-2 और फेज-3 ट्रायल भी सफल हो गए, तो सोचिए ज़रा – कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी को हम आने वाले वक्त में आसानी से काबू कर पाएंगे। 


आखिर में…

विज्ञान हर दिन हमारी उम्मीदें बढ़ा रहा है। रूस की यह वैक्सीन अभी शुरुआत है, लेकिन आने वाले समय में यह कैंसर के इलाज में वाकई गेम चेंजर साबित हो सकती है।


👉 सोचिए, अगर अगले 5-10 साल में कैंसर की वैक्सीन हर अस्पताल में उपलब्ध हो जाए, तो कितनी ज़िंदगियाँ बचाई जा सकेंगी!

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