जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी फेल हो जाए तो घबराएं नहीं – रिवीजन जॉइंट रिप्लेसमेंट के ज़रिए संभव है दोबारा सामान्य जीवन

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जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी फेल हो जाए तो घबराएं नहीं – रिवीजन जॉइंट रिप्लेसमेंट के ज़रिए संभव है दोबारा सामान्य जीवन

जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी फेल हो जाए तो घबराएं नहीं – रिवीजन जॉइंट रिप्लेसमेंट के ज़रिए संभव है दोबारा सामान्य जीवन

पानीपत: देशभर में प्राइमरी जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है और इसके साथ ही रिवीजन जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी की जरूरत भी बढ़ती जा रही है। यह सर्जरी उन मामलों में की जाती है जब पहली सर्जरी फेल हो जाए — कारण हो सकते हैं इन्फेक्शन, इम्प्लांट का ढीला होना, घिस जाना या हड्डी में फ्रैक्चर। चूंकि यह सर्जरी अधिक जटिल होती है, इसलिए इसकी योजना, निष्पादन और देखभाल अत्यधिक सावधानी से की जाती है।

 

मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, शालीमार बाग के रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट एवं ऑर्थोपेडिक्स विभाग के सीनियर डायरेक्टर डॉ. साइमन थॉमस ने बताया कि “घुटने या कूल्हे की रिप्लेसमेंट सर्जरी के बाद कुछ हफ्तों तक हल्का दर्द सामान्य है, लेकिन यदि दर्द लगातार बना रहे, चलने में दिक्कत हो, घुटने में अस्थिरता महसूस हो या ऑपरेटेड हिस्से में लालिमा, सूजन या पस जैसी चीज़ दिखे तो तुरंत विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। मरीज की पूरी क्लिनिकल जांच की जाती है, जिसमें एक्स-रे, ब्लड टेस्ट और ज़रूरत पड़ने पर एमआरआई या सीटी स्कैन किए जाते हैं। अगर संक्रमण की आशंका हो, तो ESR, CRP टेस्ट और जॉइंट एस्पिरेशन की जाती है। समय रहते सर्जरी कराने से हड्डियों के नुकसान से बचा जा सकता है और सर्जरी की जटिलता भी घट जाती है। यह गलत धारणा है कि जितना देर सर्जरी टाली जाए, उतना अच्छा – सच्चाई इसके उलट है।“

 

यदि समस्या संक्रमण नहीं है, तो सिंगल-स्टेज रिवीजन सर्जरी की जाती है जिसमें पुराने इम्प्लांट को हटाकर नए इम्प्लांट और हड्डी को मजबूत करने के लिए बोन ग्राफ्ट या विशेष उपकरण लगाए जाते हैं।

 

अगर इन्फेक्शन हो, तो सर्जन दो चरणों में सर्जरी करते हैं – पहले चरण में इन्फेक्शन हटाकर इम्प्लांट निकाला जाता है और इलाज किया जाता है, और लगभग 3–4 महीने बाद दोबारा इम्प्लांट लगाया जाता है।

 

डॉ. थॉमस ने आगे बताया कि “सिंगल स्टेज रिवीजन सर्जरी के बाद मरीजों को जल्दी चलाना शुरू किया जाता है, जैसे कि पहली बार की सर्जरी में होता है। दो-चरणीय सर्जरी वाले मरीजों को भी सहारे से चलने और टॉयलेट आदि की गतिविधियां करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। उन्हें लगभग 3 सप्ताह तक आईवी एंटीबायोटिक्स की आवश्यकता होती है। आमतौर पर मरीज 3–4 दिन में अस्पताल से छुट्टी लेकर सहारे से चलकर घर जा सकते हैं। आज के उन्नत तकनीक, विशेष इम्प्लांट्स और रोबोटिक सहायता से रिवीजन सर्जरी के परिणाम भी प्राइमरी सर्जरी की तरह ही सकारात्मक होते हैं। मरीज दोबारा सामान्य जीवन और कामकाज की ओर लौट सकते हैं।“

 

रिवीजन जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी एक चुनौतीपूर्ण लेकिन अत्यंत प्रभावी प्रक्रिया है जो सही समय पर, योग्य सर्जन द्वारा की जाए तो मरीज को फिर से दर्द रहित और सक्रिय जीवन प्रदान कर सकती है। अगर समय पर इलाज किया जाए और मरीज पूरी तरह से सजग रहे, तो दोबारा सामान्य जीवन पाना पूरी तरह संभव है।

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