जेलेंस्की‑ट्रंप मुलाकात के बाद रूस‑यूक्रेन पीस प्लान 90% तैयार, अब निगाहें अंतिम समझौते पर

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जेलेंस्की‑ट्रंप मुलाकात के बाद रूस‑यूक्रेन पीस प्लान 90% तैयार, अब निगाहें अंतिम समझौते पर

जेलेंस्की ट्रंप मुलाकात के बाद रूस यूक्रेन पीस प्लान 90% तैयार, अब निगाहें अंतिम समझौते पर  Image Courtesy: NDTV India

रूस‑यूक्रेन युद्ध अभी भी पूरी तरह नहीं रुका है, लेकिन 2025 के अंत तक युद्धविराम और शांति समझौते की बातचीत निर्णायक चरण में पहुँच चुकी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सक्रिय मध्यस्थता, सुरक्षा गारंटी और दबाव की नीति ने रूस और यूक्रेन दोनों को बातचीत की मेज़ पर मजबूती से बनाए रखा है, हालांकि सीमाओं (टेरिटरी) पर सहमति अभी भी सबसे बड़ा विवाद है। 

मौजूदा युद्ध की स्थिति

  • पूर्वी यूक्रेन (डोनबास, डोनेट्स्क जैसे क्षेत्र) में रूसी हमले और गोलाबारी जारी हैं, जिनमें आम नागरिकों की मौतें और बुनियादी ढांचे को नुकसान हो रहा है।
  • दक्षिणी शहरों (जैसे खेरसॉन) में ऊर्जा ढांचे और हीटिंग सुविधाओं पर हमले शीतकाल में मानवीय संकट को बढ़ा रहे हैं।
  • यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की स्पष्ट कर चुके हैं कि मार्शल लॉ युद्ध खत्म होने और ठोस सुरक्षा गारंटी मिलने के बाद ही हटाया जाएगा।

शांति वार्ता और अंतिम चरण

  • ट्रंप और ज़ेलेंस्की दोनों ने संकेत दिया है कि शांति वार्ता में दो सबसे विवादित मुद्दों में (सुरक्षा गारंटी और डोनबास व्यवस्था) पर काफी प्रगति हो चुकी है और सुरक्षा गारंटी पर लगभग सहमति बन गई है।
  • शांति योजना के मसौदे में लंबे समय के लिए अमेरिकी‑यूरोपीय सुरक्षा आश्वासन, युद्धविराम, और कुछ क्षेत्रों को डी‑मिलिटराइज़्ड ज़ोन बनाने जैसे विकल्पों पर चर्चा हो रही है।
  • क्रेमलिन भी मान रहा है कि वार्ता अंतिम चरण में है, लेकिन रूस अब भी कब्जे वाले क्षेत्रों की मान्यता और विदेशी सैन्य तैनाती न होने की शर्तों पर अड़ा हुआ है। 

 

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका

  • ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल में स्पष्ट किया कि यूक्रेन युद्ध को समाप्त करना अमेरिकी रणनीति का केंद्रीय लक्ष्य है, और वह इसे अपने कार्यकाल के शुरुआती वर्षों में ही निपटाना चाहते हैं।
  • ट्रंप प्रशासन ने एक ओर यूरोपीय देशों को हथियार आपूर्ति बढ़ाने और यूक्रेन के लिए मजबूत सुरक्षा गारंटी तैयार करने में नेतृत्व किया, वहीं दूसरी ओर रूस पर आर्थिक‑राजनीतिक दबाव और संभावित सैन्य विकल्पों (जैसे रूसी सीमा के पास अमेरिकी पनडुब्बियों की तैनाती) के संकेत भी दिए।
  • ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से यूरोपीय देशों से रूसी तेल‑गैस पर निर्भरता घटाने और रूस के समर्थकों पर आर्थिक प्रतिबंध कड़े करने की अपील की, ताकि मॉस्को को युद्धविराम के लिए मजबूर किया जा सके।

ट्रंप के शांति प्रयासों के मुख्य घटक

  • ट्रंप ने खुद को “डील मेकर” के रूप में पेश करते हुए दावा किया कि उनके पास रूस‑यूक्रेन युद्ध खत्म करने का ठोस प्लान है और यह उनका “आखिरी ऑफर” नहीं बल्कि चरणबद्ध प्रस्तावों की श्रृंखला है।
  • व्हाइट हाउस और पेंटागन की ओर से यूक्रेन के लिए 15 साल या उससे अधिक अवधि की सुरक्षा गारंटी पर काम चल रहा है, जिसमें रक्षा सहयोग, हथियार आपूर्ति और संभावित हमले की स्थिति में सामूहिक प्रतिक्रिया जैसे प्रावधान शामिल हैं।
  • ट्रंप की टीम ने रूस पर दबाव बनाने के लिए समय‑सीमा आधारित चेतावनियाँ दीं कि यदि निश्चित अवधि में युद्धविराम या शांति समझौता नहीं होता, तो रूस और उसके सहयोगियों पर और कड़े आर्थिक‑कूटनीतिक कदम उठाए जाएंगे।

 

चुनौतियाँ और भविष्य की दिशा

  • सबसे बड़ी बाधा सीमा और क्षेत्रीय नियंत्रण है, विशेषकर डोनबास और क्रीमिया जैसे क्षेत्रों की कानूनी स्थिति, जिन्हें रूस अपनी भूमि मानता है, जबकि यूक्रेन उन्हें अवैध कब्जा कहता है।
  • ज़ेलेंस्की ने संकेत दिया है कि कुछ पूर्वी क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय निगरानी के तहत डी‑मिलिटराइज़्ड ज़ोन या विशेष प्रशासनिक व्यवस्था पर विचार किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए रूस को भी अपने सैनिक हटाने होंगे।
  • युद्ध की थकान, भारी जनहानि और आर्थिक नुकसान के कारण दोनों देशों की जनता शांति चाहती है, पर किसी भी समझौते को यूक्रेन की संसद या जनमत संग्रह से वैधता देना होगा, जो राजनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील प्रक्रिया होगी।

 

इस समय तस्वीर यह है कि जंग अभी चल रही है, मगर कूटनीतिक स्तर पर युद्धविराम और स्थायी शांति के लिए जो बातचीत हो रही है, उसमें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सक्रिय भूमिका ने गति और दबाव दोनों पैदा किए हैं, हालांकि अंतिम और टिकाऊ समाधान अभी भी सीमाओं के सवाल पर टिका हुआ है।​ 


अब तक की शांति वार्ता में मुख्य रूप से सुरक्षा गारंटी, युद्धविराम का ढांचा और कुछ राजनीतिक‑आर्थिक प्रावधानों पर व्यापक सहमति बन चुकी है, जबकि सीमा और क्षेत्रीय नियंत्रण जैसे मुद्दे अभी भी अटके हुए हैं।

सुरक्षा गारंटी पर सहमति

  • अमेरिका, यूरोपीय देशों और यूक्रेन के बीच एक दीर्घकालिक सुरक्षा गारंटी (नाटो‑स्टाइल सुरक्षा व्यवस्था) के मूल ढांचे पर सहमति बन चुकी है।
  • ट्रंप और ज़ेलेंस्की दोनों ने कहा है कि सुरक्षा गारंटी लगभग 90–100% तक फाइनल हो चुकी हैं और इन्हें “स्थायी शांति” की कुंजी माना जा रहा है।

युद्धविराम और शांति ढांचा

  • 20‑पॉइंट/28‑पॉइंट शांति फ्रेमवर्क का लगभग 90% हिस्सा दोनों पक्षों (अमेरिका‑यूक्रेन और सहयोगी देशों) के बीच सहमत बताया जा रहा है।​​
  • ड्राफ्ट में समग्र युद्धविराम, भारी हथियारों की वापसी, अंतरराष्ट्रीय निगरानी और रूस‑यूक्रेन‑यूरोप के बीच गैर‑आक्रामकता (नॉन‑अग्रेशन) समझौते के बुनियादी सिद्धांत पर सहमति बनी है।

राजनीतिक‑कूटनीतिक प्रावधान

  • प्रस्तावित योजना में यूक्रेन की संप्रभुता की पुनर्पुष्टि और रूस, यूक्रेन तथा यूरोप के बीच एक व्यापक नॉन‑अग्रेशन पैक्ट का सिद्धांत स्वीकार किया गया है।
  • अमेरिका, रूस और यूरोपीय देशों के बीच सुरक्षा संवाद, परमाणु हथियार नियंत्रण और रूस को भविष्य में वैश्विक आर्थिक‑कूटनीतिक ढांचे में धीरे‑धीरे पुनर्स्थापित करने जैसे बिंदुओं पर भी प्रारंभिक सहमति बनी है।

आर्थिक और पुनर्निर्माण से जुड़े बिंदु

  • शांति के बाद यूक्रेन के पुनर्निर्माण, ऊर्जा आपूर्ति और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सहायता पर एक संयुक्त तंत्र बनाने के सिद्धांत को सभी पक्ष सकारात्मक रूप से स्वीकार कर चुके हैं।
  • मसौदा प्रस्तावों में यह धारणा शामिल है कि युद्ध समाप्ति के बाद रूस पर लगे कुछ प्रतिबंध चरणबद्ध तरीके से हटाए जा सकते हैं, बशर्ते वह समझौते की शर्तों का पालन करे।

जिन मुद्दों पर अभी सहमति नहीं

  • डोनबास और अन्य कब्जे वाले क्षेत्रों की सीमा‑रेखा और कानूनी स्थिति अब भी सबसे बड़ा लंबित मुद्दा है, जिस पर कोई अंतिम सहमति नहीं बनी।
  • यूक्रेन के सैन्य आकार, लंबी मार वाली हथियार प्रणालियों की सीमा और संभावित क्षेत्रीय रियायतों (टेरिटोरियल कन्सेशन) जैसे मुद्दों पर वार्ता जारी है और इन्हीं को “सबसे पेचीदा” माना जा रहा है।

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