मथुरा:
जोड़ों का दर्द, जिसे पहले एक सक्रिय जीवनशैली में बाधा माना जाता था, अब एक्टिव रोबोटिक
जॉइंट रिप्लेसमेंट जैसी नवीनतम ऑर्थोपेडिक तकनीकों की मदद से प्रभावी रूप से इलाज किया
जा रहा है। यह अत्याधुनिक तकनीक नी और हिप की सर्जरी में क्रांतिकारी बदलाव ला रही
है, जिससे मरीजों को अधिक सटीक परिणाम, तेज़ रिकवरी, कम दर्द और प्राकृतिक जोड़ों की
गति का अनुभव हो रहा है।
एक्टिव
रोबोटिक सिस्टम 3डी इमेजिंग और रोबोटिक सटीकता का संयोजन करते हैं। सर्जरी से पहले
उन्नत इमेजिंग तकनीकों से एक विस्तृत योजना तैयार की जाती है, और सर्जरी के दौरान रोबोटिक
सहायता से हर कट और इम्प्लांट की पोजीशन बेहद सटीकता से सुनिश्चित की जाती है। यह सटीक
एलाइनमेंट जोड़ों को अधिक स्थायित्व और लंबी उम्र प्रदान करता है, साथ ही आसपास के
सॉफ्ट टिशूस को कम नुकसान पहुंचाता है, जिससे रिकवरी सुगम और तेज़ होती है।
मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, साकेत के मैक्स इंस्टीट्यूट ऑफ रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट विभाग के चेयरमैन डॉ. सुजॉय भट्टाचार्य ने बताया कि"इस तकनीक का सबसे बड़ा लाभ तेज़ गतिशीलता है। पारंपरिक सर्जरी में जहां रिकवरी में समय लगता है, वहीं एक्टिव रोबोटिक रिप्लेसमेंट के बाद मरीज कुछ घंटों के भीतर खड़े होकर चलना शुरू कर सकते हैं। मांसपेशियों और लिगामेंट्स को बड़ी कटिंग से बचाया जाता है, जिससे शरीर को कम आघात लगता है, दर्द कम होता है और रिकवरी तेज़ होती है। प्रारंभिक गतिशीलता से ब्लड क्लॉट की संभावना भी कम होती है और मांसपेशियां जल्द मजबूत होती हैं।"


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