मैक्स हॉस्पिटल, द्वारका, के डॉक्टर्स ने गर्भवती महिला से बास्केटबॉल आकार का ओवेरियन ट्यूमर सफलतापूर्वक हटाया, मां और बच्चे दोनों को मिली नई जिंदगी

Ticker

15/recent/ticker-posts

मैक्स हॉस्पिटल, द्वारका, के डॉक्टर्स ने गर्भवती महिला से बास्केटबॉल आकार का ओवेरियन ट्यूमर सफलतापूर्वक हटाया, मां और बच्चे दोनों को मिली नई जिंदगी

मैक्स हॉस्पिटल, द्वारका, के डॉक्टर्स ने गर्भवती महिला से बास्केटबॉल आकार का ओवेरियन ट्यूमर सफलतापूर्वक हटाया, मां और बच्चे दोनों को मिली नई जिंदगी

भिवाड़ी, सितम्बर 27, 2025: मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, द्वारका, के डॉक्टर्स ने एक दुर्लभ और चुनौतीपूर्ण केस में उल्लेखनीय सफलता हासिल की। 25 साल की पहली बार गर्भवती महिला में से  बास्केटबॉल के आकार का ओवेरियन ट्यूमर सफलतापूर्वक हटाया गया और बाद में महिला ने सुरक्षित रूप से स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया।  


इस अनोखी उपलब्धि को साझा करने और महिलाओं में कैंसर की शुरुआती पहचान के महत्व पर प्रकाश डालने के लिए, मैक्स हॉस्पिटल, द्वारका, ने एक अवेयरनेस सेशन का आयोजन किया। इसका नेतृत्व, मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, द्वारका, के गायनी सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग की कंसल्टेंट - डॉ सरिता कुमारी ने मरीज के साथ मिलकर की।  


मरीज, अनामिका झा, भिवाड़ी की रहने वाली हैं। एक रूटीन अल्ट्रासाउंड में असामान्य रूप से बड़े मास का पता चलने पर उन्हें मैक्स हॉस्पिटल द्वारका रेफर किया गया। शुरुआती जांच में ओवेरियन कैंसर का शक हुआ, जिससे स्थिति और चुनौतीपूर्ण हो गई क्योंकि डॉक्टरों को मां के साथ गर्भस्थ शिशु की सुरक्षा का भी ध्यान रखना था। गायनी ऑन्कोलॉजी टीम ने गर्भावस्था के इस चरण में एक दुर्लभ और जोखिम भरी सर्जरी करने का फैसला किया, जिसमें ट्यूमर के साथ प्रभावित ओवरी और फैलोपियन ट्यूब को हटाया गया। पूरी प्रक्रिया के दौरान गर्भावस्था को सुरक्षित रखने के लिए विशेष सावधानियां बरती गईं। 

  

मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, द्वारका, के गायनी सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग की कंसल्टेंट - डॉ. सरिता कुमारी ने कहा, “गर्भावस्था के दौरान ट्यूमर का पता चलना मरीज और परिवार के लिए बेहद तनावपूर्ण होता है। हालांकि ऐसे केस दुर्लभ हैं, लेकिन समय पर डायग्नोसिस, सही योजना और टीमवर्क से इन्हें सुरक्षित रूप से मैनेज किया जा सकता है। गर्भावस्था के दौरान इतना बड़ा ओवेरियन ट्यूमर मिलना बेहद असामान्य है और इस समय ऑपरेशन करना बेहद ​हाई लेवल प्रिसिशन की मांग करता है। यह केस इस बात का उदाहरण है कि एडवांस्ड मेडिकल केयर और मल्टी-डिसिप्लिनरी टीमवर्क से असंभव भी संभव हो सकता है।”  


ऑपरेशन के तीन दिन बाद ही मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया। फाइनल पैथोलॉजी रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि यह ट्यूमर सारकोमा था, जो केवल ओवरी तक सीमित था और शरीर में कहीं फैला नहीं था। पूरी निगरानी और देखभाल के बाद महिला ने फुल टर्म पर स्वस्थ बेटे को जन्म दिया।


डॉ. सरिता, ने आगे बताया कि, “मेलिग्नेंट ओवेरियन ट्यूमर लगभग 10,000 गर्भावस्थाओं में से सिर्फ 1 में देखने को मिलता है, और ओवरी का सारकोमा तो अत्यंत दुर्लभ है। ऐसे मामलों में शुरुआती पहचान और समय पर इलाज ही मां और शिशु दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकता है।” 


इस सफलता के साथ, मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, द्वारका, ने यह साबित किया है कि एडवांस्ड टेक्नोलॉजी और विशेषज्ञता के जरिए न केवल दुर्लभ बल्कि हाई-रिस्क केसों में भी बेहतरीन परिणाम दिए जा सकते हैं।

💡 Enjoying the content?

For getting latest content, Please Follow us.

Follow Us