बच्चों में कैंसर को लेकर हो जाएं अलर्ट, सही वक्त पर इलाज मिलने से सुधर जाएगा भविष्य I

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बच्चों में कैंसर को लेकर हो जाएं अलर्ट, सही वक्त पर इलाज मिलने से सुधर जाएगा भविष्य I

बच्चों में कैंसर को लेकर हो जाएं अलर्ट, सही वक्त पर इलाज मिलने से सुधर जाएगा भविष्य

वाराणसी: बच्चों में कैंसर एक रेयर समस्या होती है, लेकिन आजकल इलाज के नए तरीके उपलब्ध हैं उससे इस बीमारी को ठीक किया जा सकता है. हर साल, दुनिया भर में लगभग 400,000 बच्चों में कैंसर डायग्नोज होता है. पीडिएट्रिक (बाल चिकित्सा) ऑन्कोलॉजी के क्षेत्र में जो एडवांसमेंट हुए हैं वो हाल के वक्त में ऑन्कोलॉजी के फील्ड में सबसे उल्लेखनीय है.


बड़े लोगों की तरह बच्चों में कैंसर का पता स्क्रीनिंग के जरिए नहीं चलता है. हालांकि, बच्चों में कैंसर के कारणों का अभी तक ठीक से पता नहीं चल पाया है लेकिन कुछ मामलों में जेनेटिक असामान्यताएं इसका कारण बनकर उभरी हैं. जबकि बच्चों में कैंसर के ज्यादातर मामलों में सही कारण का पता नहीं चल पाता है.


फोर्टिस अस्पताल गुरुग्राम में पीडिएट्रिक ऑन्कोलॉजी के प्रिंसिपल डायरेक्टर व हेड डॉक्टर विकास दुआ ने कहा, ‘’बच्चों को होने वाले कैंसर में सबसे आम ब्लड कैंसर, ब्रेन कैंसर, लिम्फ नोड ट्यूमर, किडनी, लीवर, एड्रेनल और हड्डी का ट्यूमर होते हैं. बचपन के कैंसर के शुरुआती लक्षण अक्सर बुखार, कमजोरी, सूजी हुई ग्रंथियों या वजन घटने सहित अन्य सामान्य बीमारियों के समान होते हैं. जोड़ों या हड्डियों में दर्द से माता-पिता को चोट लगने का संदेह हो सकता है. कैंसर डायग्नोज के लिए आमतौर पर ब्लड टेस्ट, रेडियोलॉजिकल टेस्ट जैसे सीटी या एमआरआई स्कैन, बोन मैरो टेस्ट,  लिम्फ नोड्स या सूजन की बायोप्सी कराई जाती है. कीमोथेरेपी, सर्जरी या रेडियोथेरेपी से बच्चों के कैंसर का इलाज किया जाता है. कुछ बच्चों के लिए इम्यूनोथेरेपी और स्टेम सेल ट्रांसप्लांट जैसी एडवांस तकनीक की जरूरत पड़ती है. यूनिफॉर्म गाइडलाइंस को अपनाने जैसे प्रयासों से दुनियाभर में, पीडिएट्रिक कैंसर के मामलों में बेहतर रिजल्ट आए हैं.


जिन बच्चों में कैंसर डायग्नोज होता है उनके बेहतर विकास के लिए ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है. इसके लिए पूरी तरह से समर्पित मल्टीडिसीप्लीनरी टीम की जरूरत पड़ती है. लॉन्ग टर्म फॉलो-अप की आवश्यकता पड़ती है, साथ ही बीमारी व इलाज के असर पर लगातार नजर रखनी पड़ती है.


डॉक्टर विकास दुआ ने आगे कहा, ‘’अच्छी बात ये है कि एडवांस इलाज की मदद से कैंसर से ग्रसित ज्यादातर बच्चों का जीवन सुरक्षित हो पा रहा है. हालांकि, सही रिजल्ट पाने के लिए ये भी जरूरी है कि बीमारी समय पर डायग्नोज हो जाए और फिर एक्सपर्ट की टीम के साथ सही इलाज उपलब्ध कराया जाए. बच्चों में कैंसर के बोझ को कम करने और परिणामों में सुधार करने के लिए सबसे प्रभावी रणनीति ये है कि पीडिएट्रिक ऑन्कोलॉजिस्ट कैंसर के डायग्नोज पर फोकस करें, जिसके बाद पीड़ित को सही इलाज दिया जा सके.

एक समाज के तौर पर हमारी जिम्मेदारी है कि बच्चों के कैंसर के बारे में लोगों को अवेयर किया जाए. कैंसर के जल्दी डायग्नोज और बेहतर इलाज को लेकर जानकारी दी जाए. इस तरह से ये सुनिश्चित किया जा सकता है कि कैंसर जैसी घातक बीमारी से जूझने वाले बच्चों के जीवन की रक्षा की जा सके और उनके जीवन को सुरक्षित व सफल बनाया जा सके.

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