नोएडा। भारत में हार्ट से जुड़ी बीमारियों की बढ़ती संख्या और इसके साथ ही हो रही मौतों को देखकर गहरी चिंता हो रही है। सर्दियों के सीज़न के आने से हार्ट डिजीज का खतरा भी बढ़ जाता है। तापमान में गिरावट के साथ ही शरीर की ऊर्जा की मांग बढ़ती है, जिसके परिणामस्वरूप लोगों की आदतें बदलती हैं, वे जंक फूड पसंद करते हैं और फिजिकल एक्टिविटी कम हो जाती है, जिससे वजन बढ़ता है और दिल से जुड़ी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ग्रेटर नोएडा में कार्डियोलॉजी के डॉक्टर दीपांकर वत्स ने इस विषय पर विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि “सर्दियों के मौसम में, जो लोग पहले से ही हार्ट डिजीज से पीड़ित हैं, उन्हें तत्काल डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इस सीज़न में, हार्ट संबंधित समस्याएं किसी को भी प्रभावित कर सकती हैं, लेकिन जो लोग पहले से ही किसी न किसी हार्ट डिजीज से ग्रसित हैं, उन्हें तत्काल डॉक्टर से मिलकर अपने स्वास्थ्य की निगरानी रखनी चाहिए।“
हार्ट अटैक के मैकेनिज़म के बारे में बताते हुए डॉक्टर दीपांकर ने कहा, "जब कोई धमनी तेजी से क्लॉट से ब्लॉक हो जाती है, तो दिल के किसी हिस्से तक ब्लड फ्लो रुक जाता है, जिससे हार्ट अटैक हो सकता है। इस परिस्थिति में, समय पर डायग्नोसिस होना अत्यंत महत्वपूर्ण है ताकि उचित इलाज कराया जा सके और मरीज को सही समय पर मदद मिल सके। समय पर मिलने वाला इलाज हार्ट फंक्शन को सही कर सकता है और मरीज की जीवन संभावनाएं बढ़ सकती हैं।“
डॉक्टरों का कहना है कि लाइफस्टाइल में ये बदलाव सही दिशा में एक कदम है जो हमें अपने दिल की रक्षा के लिए उठाना चाहिए।
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