अमेरिका
और वेनेजुएला के बीच तनाव तेजी से बढ़ रहा है और हाल ही में अमेरिका की नई सैन्य गतिविधियों
ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। अमेरिकी प्रशासन, विशेषकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप,
वेनेजुएला की सरकार पर ड्रग तस्करी और आतंकवादी गतिविधियों का आरोप लगा कर उस पर दबाव
बढ़ा रहा है। अमेरिका ने वेनेजुएला के खिलाफ सैन्य ऑपरेशन के एक नए चरण की तैयारी कर
ली है जिसमें गुप्त अभियान और सैन्य तैनाती शामिल हैं। वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस
मदुरो ने चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका हमला करता है तो वेनेजुएला सशस्त्र संघर्ष का
विकल्प अपनाएगा और पूरा देश युद्ध के लिए तैयार है.
अमेरिका
की नौसेना ने कैरेबियन सागर में कई युद्धपोत, विमानों और सैनिकों को तैनात किया है।
अमेरिकी पेंटागन की ओर से यह कहा गया है कि वर्तमान दबाव का उद्देश्य ड्रग तस्करी को
रोकना और मदुरो के शासन को खत्म करना हो सकता है। अमेरिका ने वेनेजुएला के एक सैन्य
कार्टेल 'कार्टेल दे लॉस सोलस' को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित भी किया है, जिससे अमेरिकी
दवाब और सख्त हो गया है। दूसरी ओर, वेनेजुएला ने अमेरिका की योजना को अवैध और असंवैधानिक
करार दिया है.
वेनेजुएला
की सेना ने अपनी तैयारी तेज कर दी है और देश के नागरिकों से सेना में शामिल होने का
आह्वान किया गया है। राष्ट्रपति मदुरो ने अमेरिका की हर सैन्य कार्रवाई की कड़ी निंदा
करते हुए कहा है कि वेनेजुएला 100 वर्षों में सबसे बड़े खतरे का सामना कर रहा है। उन्होंने
यह भी बताया कि वेनेजुएला में छोटे-छोटे विद्रोही समूहों द्वारा अमेरिकी सैन्य अभियान
का विरोध करने के लिए संघर्ष की रणनीति तैयार की गई है, जिसे "दीर्घकालिक प्रतिरोध"
कहा जाता है.
अमेरिका-वेनेजुएला
विवाद में हाल के कूटनीतिक कदमों में अमेरिका ने वेनेजुएला के खिलाफ दबाव बढ़ाने के
लिए कई रणनीतियाँ अपनाईं हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वेनेजुएला के राष्ट्रपति
निकोलस मदुरो और उनके नियंत्रण में कार्टेल दे लॉस सोलस को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित
किया है, जिससे सैन्य ऑपरेशन के लिए नए विकल्प खुले हैं। इसके साथ ही, अमेरिका कैरेबियन
क्षेत्र में अपनी सैन्य उपस्थिति मजबूत कर रहा है और गुप्त सैन्य अभियान भी चला रहा
है। इसके बावजूद, ट्रंप ने वेनेजुएला के साथ कूटनीतिक बातचीत के लिए दरवाजा खुला रखा
है और दोनों देशों की सरकारों के बीच अप्रत्यक्ष संवाद की भी खबरें हैं.
अमेरिकी
प्रशासन ने वेनेजुएला के खिलाफ ड्रग तस्करी रोकने के अपने अभियान को तेज किया है और
सैन्य बलों की तैनाती के साथ-साथ विमानन सुरक्षा को लेकर चेतावनी भी जारी की है। अमेरिका
ने वेनेजुएला के खिलाफ covert ऑपरेशन की योजना बनाई है और कैरेबियन क्षेत्र में अमेरिकी
नौसेना का परमाणु विमानवाहक पोत भी तैनात किया गया है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं
है कि कब और किस सीमा तक सैन्य कार्रवाई होगी, ट्रंप ने सैन्य विकल्पों के साथ-साथ
कूटनीतिक समाधान की भी संभावना बताई है.
वेनेजुएला
सरकार ने अमेरिकी दावों को खारिज करते हुए कूटनीतिक वार्ता की तरफ कदम बढ़ाए हैं। राष्ट्रपति
मदुरो ने अमेरिका के साथ प्रत्यक्ष संवाद की इच्छा जताई है, जबकि कुछ राजनयिक सूत्र
बताते हैं कि दोनों देशों के बीच परोक्ष संवाद और अंकुश आधारित बातचीत चल रही है। साथ
ही, वेनेजुएला ने अमेरिकी दबाव को अवैध बताया है और अपनी सुरक्षा बढ़ा दी है। ये कूटनीतिक
कदम तनाव के बीच संभावित शांति के दरवाजे खोल सकते हैं, पर अभी तक कोई निर्णायक वार्ता
नहीं हुई है.
इस
विवाद में आसपास के देशों जैसे कोलंबिया, ब्राजील, चिली, और पुर्तगाल ने भी कूटनीतिक
स्तर पर इस मामले को ध्यान से देखा है, क्योंकि वेनेजुएला की स्थिरता उनके क्षेत्रीय
हितों से जुड़ी हुई है। अमेरिका की बढ़ती सैन्य और कूटनीतिक गतिविधियाँ लैटिन अमेरिका
में व्यापक geopolitical प्रभाव पैदा कर सकती हैं, इसलिए कई देश अमेरिका-वेनेजुएला
विवाद की गहराई से निगरानी कर रहे हैं.
इस
प्रकार, अमेरिका-वेनेजुएला विवाद में वर्तमान समय में सैन्य तथा कूटनीतिक दोनों तरह
के कदम तेजी से उठाए जा रहे हैं, जिसमें सैन्य दबाव के साथ-साथ संवाद के प्रयास भी
हो रहे हैं। यह विवाद भविष्य में क्षेत्रीय और वैश्विक शांति पर गहरा प्रभाव डाल सकता
है
अगर
अमेरिका और वेनेजुएला के बीच युद्ध छिड़ता है, तो इसका व्यापक प्रभाव विश्व स्तर पर
महसूस होगा। पहला, यह क्षेत्रीय स्थिरता को प्रभावित करेगा क्योंकि कैरेबियन तट और
लैटिन अमेरिका में तनाव बढ़ेगा। दूसरा, वैश्विक तेल बाजार पर असर पड़ेगा क्योंकि वेनेजुएला
तेल का प्रमुख निर्यातक है। तीसरा, युद्ध से शरणार्थी संकट उत्पन्न हो सकता है, जिससे
कई पड़ोसी देश प्रभावित होंगे। इसके अलावा, यह संघर्ष अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और गुप्त
सैन्य संचालन के क्षेत्र में भी नई चुनौतियां पैदा करेगा.
अमेरिका और वेनेजुएला के बीच मौजूदा तनाव बढ़ता जा रहा है और किसी भी समय संघर्ष की संभावना बनी हुई है। अमेरिका की सैन्य तैयारी और वेनेजुएला की सशस्त्र प्रतिक्रिया से पूरी दुनिया की नजरें इस खींचतान पर टिकी हुई हैं। विश्व समुदाय और पड़ोसी देश इस स्थिति की गंभीरता को समझते हुए शांति के लिए प्रयासरत हैं, पर वर्तमान हालात चिंताजनक हैं और युद्ध के उठने पर उसके बड़े वैश्विक प्रभाव होंगे.


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