पैंक्रियाज का कार्सिनोमा, ओरल कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर के मामलों में रेडिएशन थेरेपी की हाई डोज की जरूरत पड़ती है. अच्छे रिजल्ट पाने के साथ ट्यूमर के आसपास के अंगों को सुरक्षित रखने और साइड इफेक्ट को कम से कम करने के लिए अब एडवांस टेक्नोलॉजी आ गई है.
फोर्टिस हॉस्पिटल गुरुग्राम में रेडिएशन ऑन्कोलॉजी के सीनियर डायरेक्टर डॉक्टर अनिल कुमार आनंद ने कैंसर ट्रीटमेंट के क्षेत्र में हुए एडवांसमेंट के बारे में कहा, रेडिएशन थेरेपी में हाल के वक्त में स्कLinac तकनीक आई है जो सबसे लेटेस्ट और सॉफिस्टिकेटेड है. इस उपकरण की मदद से एमआरआई के गाइडेंस में ट्यूमर पर बहुत ही सटीकता के साथ हाई डोज रेडिएशन दी जाती है. परंपरागत सीटी स्कैन की तुलना में इस रेडिएशन उपकरण में एमआरआई बेहतर सॉफ्ट टिशू कॉन्ट्रास्ट प्रोवाइड कराता है.
गाइडेड रेडिएशन थेरेपी क्रांतिकारी है जिसमें पांच दिन के अंदर ही ट्यूमर पर रेडिएशन दे दी जाती है. इसके अलावा, अगर इलाज के दौरान ट्यूमर के साइज में बदलाव होता है तो ये उसके लिए भी अनुकूल होता है. इसमें ट्यूमर के आसपास के अंगों को डैमेज से बचाते हुए पर्सनलाइज्ड डोज देना सुनिश्चित किया जाता है. इस अत्याधुनिक तकनीक के जरिए इलाज करने पर साइड इफेक्ट्स काफी कम होते हैं और इलाज बेहतर मिलता है
डॉक्टर आनंद ने बताया, जो मरीज एक बार कैंसर को हराने के बाद फिर से इसकी चपेट में आने का रिस्क रहता है उनके लिए MR-Linac उम्मीद की किरण है. चुनौतीपूर्ण माहौल के बावजूद MR-Linac की एडवांस क्षमताओं से मरीजों को इलाज में लाभ मिलता है और लॉन्ग टर्म सर्वाइवल के चांस बढ़ जाते हैं.
रेडिएशन थेरेपी में हुए इस शानदार एडवांसमेंट की मदद से कैंसर मरीजों के लिए रिजल्ट सकारात्मक हो गए है, टॉक्सिटी घट गई है और इलाज का कोर्स भी शॉर्ट हो गया है. इस एडवांसमेंट के होने से रेडियोथेरेपी का क्षेत्र बढ़ गया है।
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