फोर्टिस हॉस्पिटल गुरुग्राम में न्यूक्लियर मेडिसिन की सीनियर डायरेक्टर डॉक्टर इशिता बी. सेन ने कहा, ”डिजिटल पीईटी-सीटी स्कैनर के इस्तेमाल ने कैंसर का पता लगाने में काफी अहम रोल निभाया है. ये स्कैनर सुपरहीरो की तरह काम करते हैं, कैंसर कोशिकाओं की एकदम सटीक और अहम डिटेल इनकी मदद से पता चलती हैं.
ये कैंसर तकनीकी तौर पर काफी उन्नत होते हैं जिनके जरिए शरीर के अंदर मौजूद कैंसर कोशिकाओं की सही लोकेशन, उनके साइज और मेटाबोलिक एक्टिविटी का अच्छे से पता चल जाता है. किसी भी तरह के कैंसर सेल्स या उससे जुड़ी कोई भी विसंगति इसकी पहुंच से बच नहीं पाती है. इसका फायदा ये होता है कि बीमारी का शुरुआती स्टेज में ही पता चल जाता है, और सही वक्त पर उसका इलाज हो जाता है.
डॉक्टर सेन ने आगे कहा, ”ये एडवांस स्कैनर काफी सेंसेटिव होते हैं जो शुरुआती स्टेज में ही कैंसर के छोटे से छोटे संकेतों का पता लगाने में सक्षम होते हैं. रोग की शुरुआती पहचान से ट्रीटमेंट सही वक्त पर आगे बढ़ जाता है, साथ ही डॉक्टरों के लिए प्रभावी ट्रीटमेंट प्लान बनाने में भी आसानी रहती है, जिससे अंततः मरीज के लिए अच्छे रिजल्ट आते हैं.
इससे स्कैनिंग टाइम में कमी आती है, मरीज को कम परेशानी होती है और रोग डायग्नोज होने में तेजी आती है. इन स्कैनर की सटीकता एक्यूरेट मेजरमेंट तक फैली हुई है, जो बीमारी के बढ़ने के बारे में डॉक्टरों को विस्तृत जानकारी प्रदान करती है.
डिजिटल पीईटी-सीटी असली ताकत पर्सनलाइज्ड मेडिसिन होती है. कैंसर कोशिकाओं के हिसाब से डॉक्टर मरीज के अनुरूप इलाज की प्लानिंग कर सकते हैं. इससे मरीज को इलाज का ज्यादा से ज्यादा फायदा मिलने के चांस रहते हैं और साइड इफेक्ट कम होते हैं. ये प्रक्रियाएं कैंसर के इलाज में एक बेहतर भविष्य की तरफ बढ़ रही हैं.
डॉक्टर सेन ने कहा, ”डिजिटल पीईटी-सीटी स्कैनर कैंसर इलाज के रूप को ही बदल दिया है. इससे न सिर्फ मरीजों को उम्मीद मिली है बल्कि डॉक्टरों और पेशंट के लिए संभावनाओं का एक नया युग भी शुरू हुआ है.
जैसे-जैसे तकनीक में प्रगति हो रही है, ये स्कैनर कैंसर का पता लगाने और उसके इलाज में महत्वपूर्ण रोल निभा रहे हैं. सटीकता, शुरुआती पहचान, दक्षता और पर्सनलाइज्ड केयर के दम पर पीईटी-सीटी स्कैनर कैंसर केयर में एडवांसमेंट की एक बेहतर खोज है.
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